कल अखबार में एक खबर देखी मैंने , “सरला मिन्नी ” नाम की एक महिला व्ट्सअप्प पर बच्चों को कहानियां सुनाती हैं | सब उनको “कहानीवाली नानी ” के नाम से जानते हैं |

न्यूज़ पढ़ कर ही मेरे चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गयी , और मैं अपने मन को नहीं रोक पायी अपने बचपन की गलियों में जाने से |

दुर्भाग्य से मैंने अपनी दादी को तो कभी नहीं देखा ,पर मेरे जीवन में “नानी की कहानियों ” से भरा हुआ अलग ही कोना है | एक बड़ा ही यादगार और खूबसूरत यादों से भरा हुआ कहानियों का एक बक्शा|

राजा ,रानी ,भाई बहिन ,बच्चे और जानवर क्या- क्या नहीं होता था उन कहानियों में | कहानी के साथ ही हमारा बाल मन भी कभी पहाड़ों की ऊँची चोटियों पर पहुँच जाता तो कभी किसी घने जंगल में | और साथ ही गौर करें तो हम पाएँगे की हर कहानी में एक सीख छुपी होती थी |

कल वो न्यूज़ पढ़कर मुझे लगा की समय बदलने की साथ -साथ हम बहुत से जगह मजबूत जरूर हुए हैं , पर कुछ छोटी -छोटी चीजों में कितने निर्बल हो गयें हैं | आज कहानी के नाम पर हम बच्चों को केवल इंटरनेट की वीडियोस दिखा पाते हैं | और कुछ महंगी सी किताबें ,जिनमें भले ही चित्र बहुत खूबसूरत होते हैं|

पर क्या ये रंगीन चित्र हमारी उस कल्पना से बेहतर हैं ,जो हम कहानी सुनते हुए कर पाते थे ?
क्या इंटरनेट की वीडियो बच्चों को वो भाव दे पाती हैं ,जो मम्मी या नानी की मुँह सी कहानी सुन कर हमें आता था ?

मैं स्वयं याद करूं तो कोई इक्की-दुक्की कहानी को छोड़ कर मुझे भी ज्यादा कहानियां याद नहीं | पर फिर भी हम शांत हैं , बच्चों को फ़ोन थमा कर | कितना कुछ बदल गया हैं ,ये सोचे बिना और कितना कुछ हम छीन रहें हैं उनसे ये परवाह किये बिना |

खैर ,मेरी यही कामना हैं की वक़्त के बदलने के साथ  कुछ पुरानी चीजें बरक़रार रहें | क्योकि “कहानी वाली नानी ” की जरुरत ,आज भी सबको हैं|
दादी-नानी की कहानियाँ

Happy Parenting with Budding Star

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